अगर तुम साथ हो
अमावस की निष्ठुर परछाई भी
पूर्णमासी की तरुणाई बन जाती है।।
पतझड़ की नीरस अंगड़ाई भी
बसंत की मोहक पूरवाई बन जाती है।।
साजन!,, अगर तुम साथ हो,,,,
----विचार एवं शब्द-सृजन----
---By---
----पूजा यादव'प्रीत' ----
----स्वलिखित एवं मौलिक रचना----
Varsha_Upadhyay
02-Mar-2024 08:22 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
02-Mar-2024 11:44 AM
👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
01-Mar-2024 11:25 PM
शानदार
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